Wednesday, June 29, 2011

खंडहर बोलते हैं






पुस्तक 'खंडहर बोलते हैं' | किले हमारे इतिहास की जीते-जागते दस्तावेज होते हैं | हमारे देश में अनेक किले हैं, जिनमे से अनेक अपेक्षित रख-रखाव न होने के कारण चिंताजनक स्तिथि में हैं | इतिहास और विज्ञानं के विद्वान गुणाकर मुले की यह पुस्तक इन्ही किलों के माध्यम से इतिहास के कई कालखंडों से परिचित कराती है |

पुस्तक में इन किलों के माध्यम से तत्कालीन राज्यों के उतार-चढाव, भवन निर्माण, कला और लड़ाई के साधनों पर विस्तृत चर्चा की गयी है | लेखक ने खंडहरों का प्रमाणिक इतिहास सृजित कर उन्हें रोचक ढंग में प्रस्तुत किया है | पुस्तक में उन किलों की भी विस्तार से चर्चा की गयी है जो विदेशियों ने यहाँ बनवाये थे |

अनेक चित्रों और नक्शों से सुसज्जित और प्रमाणिक ऐतिहासिक तथ्यों से समृद्ध यह पुस्तक सभी पाठकों के लिए रुचिकार साबित होगी |

यह पुस्तक हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध हैं  http://www.rajkamalprakashan.com/index.php?p=sr&Uc=15820


 
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